छत्तीसगढ़ 

 

छत्तीसगढ़ में बढ़ा साइबर ठगों नेटवर्क 

 डोंगरगढ़ में साइबर ठगों के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। ये आरोपी अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड और सिम साइबर अपराधियों को बेचते या किराए पर देते थे, ताकि ठगी की रकम को ठग आसानी से इधर-उधर कर सकें।

 मिशन साइबर सुरक्षा के तहत थाना डोंगरगढ़ और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में इनकी गिरफ्तारी हुई। पूछताछ में इन चारों ने जुर्म कबूल किया, जिसके बाद इन्हें जेल भेज दिया गया।

 पता चला कि कुछ बैंक खातों का उपयोग देशभर में ऑनलाइन ठगी के लिए किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के मार्गदर्शन में इन खातों की जांच शुरू हुई। साइबर सेल की टीम ने डोंगरगढ़ के चार संदिग्ध खातों की पहचान की, जिनके जरिए ठगी की रकम आगे ट्रांसफर हो रही थी।






        जांच के दौरान पुलिस को पुष्पदीप भाटिया, मिहीर देवांगन, खेमेन्द्र साहू और योगेंद्र यादव पर शक हुआ।

 इनके बैंक खातों से लगातार संदिग्ध लेन-देन हो रहे थे।19 मार्च की रात पुलिस टीम ने दबिश देकर चारों को हिरासत में लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये लोग साइबर ठगों को अपने और अन्य लोगों के बैंक खाते मुहैया कराते थे।

 इन खातों का उपयोग ठगी के पैसों को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता था, ताकि असली अपराधी तक पुलिस न पहुंच सके। खाताधारकों को हर ट्रांजेक्शन पर कमीशन मिलता था,

 जबकि मास्टरमाइंड खुद पर्दे के पीछे छिपा रहता था। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है।

अनजान को न दें बैंक खाता, एटीएम व सिम की जानकारी नहीं तो आप भी ठगी का सिकार हो जाओगे